मैडजुल खजूर खेती किस प्रकार से की जाती है ?
दोस्तों आज इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा खजूर की खेती किस प्रकार से करते हैं, और इसके क्या लाभ है इसकी फसल कब की जाती है इससे कितनी आमदनी होती है ,और यह कितनी फसल देता है ,तो इस पोस्ट में आप सीख पाएंगे कि किस प्रकार से खजूर की खेती की जाती है।
खजूर एक बहुत प्राचीन समय से चलता रहा पर है,जो मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा लग जाएगा जिस का पौधा लगभग 50 से 60 फीट तक का होता है, खजूर पौधे की उत्पत्ति अरब अरब देशों और अफ्रीकी देशों से मानी जाती है और विश्व में खजूर का निर्यात भी इन्हीं देशों से होता है ।
खजूर में कई तरह की गुण पाए जाते हैं जिससे कि मनुष्य में कई प्रकार की बीमारियों से रक्षा प्रदान करता है, यह इम्युनिटी बढ़ाने में हड्डियों को मजबूत करने में दिल की बीमारियों में ब्लड प्रेशर में आदि में काम लिया जाता है इससे पेट की समस्या भी दूर होती है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मनुष्य शरीर की रक्षा करता है खजूर की हम जूस भी बना सकते हैं आचार बना सकते हैं ,और विभिन्न प्रकार के कार्यों में काम ले सकते हैं।
खजूर की एक नई किस्म होती है जिसे मेडजूल खजूर दिखाते हैं यह खजूर बहुत महंगा बिकता है और इसके बहुत सारे शारीरिक फायदे होते हैं, इससे आमदनी अच्छी हो सकती है जिससे हम अपनी दैनिक दिनचर्या चेंज कर सकती है ।खजूर में बहुत सारी विटामिन पाए जाते हैं, जिससे शारीरिक शक्ति प्रदान होती है।
खजूर के सूखे फलों को पिंड गुरु कहते हैं तथा इनको सुखाकर छुहारे का बनाया जाता है विश्व में सर्वाधिक छुहारे या पिंड खजूर ईरान में उत्पादन होते हैं।
लेकिन वर्तमान समय में उच्च तकनीकों का उपयोग कर भारत में भी खेती की जा रही है, भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं जिसकी जलवायु पिंड खजूर के लिए उपयुक्त है इस पोस्ट में आपको में खजूर की खेती कैसे करते हैं उसके बारे में बताऊंगा।
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खजूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी जलवायु और तापमान कोनसा होना चाहिए।
अगर आप खजूर के उत्पादन में रुचि रखते हैं, या इसकी क्षेत्र करना चाहते हैं तो आपके लिए यह पोस्ट काफी लाभदायक होगी इसमें मैं आपको बता रहा हूं कि किस प्रकार से आप खजूर खेती कर सकते हैं तो खजूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु निम्न प्रकार से रहनी चाहिए खजूर के उत्पादन के लिए मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए और इसका पीएच 7 से 8 के मध्य होना चाहिए खजूर शुष्क पौधा है ।
और इसे अधिक वर्षा की जरूरत नहीं होती अगर आप इसे क्षेत्र में लगाते हैं,तो आप से अच्छी तरह से इसकी फसल कर सकते हैं क्योंकि खजूर एक शुष्क पौधा है,और यह धूप में अच्छे से फल फूलता है इसके लिए टाइम तापमान 30 से अधिक होना चाहिए और 45 से नीचे होना चाहिए तब आप खजूर की अच्छी फसल ले सकते हैं।
खजूर शुष्क पौधा होने कारण यह ठंडी इलाकों में नहीं होता इसलिए आप ही से शुष्क स्थान पर ही लगाएं।
खजूर की उन्नत किस्में कौनसी है
खजूर की उन्नत किस्में निम्न प्रकार है, वर्तमान समय में तकनीकी में बढ़ावा होने कारण खजूर की उन्नत किस्मों का निर्माण कर लिया गया है ,जिससे फसल का उत्पादन कर सकते हैं।
और किसान मित्र उसका बहुत लाभ लेकर अपनी आमदनी में बढ़ावा कर सकते हैं तो खजूर की फसल को दो भागों में बांटा गया है माता प्रजाति किस्में और नर प्रजाति की किस्में जो निम्न प्रकार है,
मादा प्रजाति की किस्में कौनसी है
ज्यादातर मादा प्रजाति की किस्मों का उपयोग फल प्राप्त करने के लिए किया जाता है।बरही
बरही खजूर की किस्म का उत्पादन अधिक करने के लिए किया जाता है, और यह कसम के पौधे बहुत जल्दी वृद्धि करते हैं और जल्दी फसल देते हैं उनका फल का रंग पीला होता है और अंडाकार होता है और एक करीब 1 पौधे से 80 से 150 किलो तक फल दे सकता हैखुनेजी
खूनी जी किस्म का पौधा बहुत मीठे फलों के उत्पादन के लिए जाना जाता है,और यह पौधा वृद्धि सामान्य रूप से करता है, और यह लगभग 80 किलो तक फल देता है,
मेडजूल
मेडजूल किस्म का खजूर का पौधा एक बहुत ही उन्नत किशन मान जाती है यह खजूर की सबसे महंगी बिकने वाली फसल होती है और इस पौधे से करीब 100 से 120 किलो तक उत्पादन लिया जा सकता है यह फल भूरे रंग का होता है और स्वाद में मीठा होता है।नर प्रजाति की किस्में कोनसी है
नर प्रजाति किस में केवल फूलों के लिए ही होती है इनमें फल का निर्माण नहीं होता इसकी दो किस्में हैं,धनामी मेल
केवल 25 से 30 फूल ही बना पाता है लेकिन इन फूलों में फूलों का निर्माण नहीं होता।मदसरीमेल
यह पौधा भी 15 से 20 फूलों का ही निर्माण कर पाता है इससे ज्यादा यह निर्माण नहीं कर पाता और इसमें फल नहीं बनते।खजूर के खेत की तैयारी और उवर्रक की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
खजूर की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी और उर्वरक की मात्रा निम्न प्रकार से होनी चाहिए जिससे कि फसल अच्छी उत्पादन कर सकें और किसान मित्र को लाभ मिल सके खजूरों खेत की तैयारी करने से पहले खजूर को अच्छी तरह सोच लेना चाहिए और उसकी मिट्टी को पूरा कर देना चाहिए इस प्रकार होना चाहिए कि उसमें पानी का भराव ना हो करीब 8 घंटे धूप मिलनी चाहिए खेत की मिट्टी रेतिली होनी चाहिए।फिर खेत में पौधे लगा देनी है पौधे से पौधे की दूरी 1 मीटर होनी चाहिए और गड्ढों की साइज 3 फीट तक होनी चाहिए और उन गड्ढों में 20 से 25 किलो गोबर खाद डालकर मिट्टी को अच्छी तरह से मिला लेना चाहिए और इसके अतिरिक्त हम उसमें थोड़ी सी मात्रा में एनपीके डाल सकते हैं
खजूर के पौधों की रोपाई का सही समय और तरीका क्या है?
अब समय होता है खजूर के पौधों को लगाने का खजूर के पौधों को लगाने का सही समय और तरीका निम्न प्रकार से सबसे पहले हमें अच्छी सी नर्सरी से खजूर की पौध लानी होती है ।
पौध लेते समय ध्यान रखिए कि पौधे स्वस्थ होने चाहिए जिन्हें हमें लेना है पौध लेने के लिए नर्सरी से हमें पौधे मिल जाते हैं और हमें गवर्नमेंट सब्सिडी भी देती है।
पौध लगाते समय ध्यान रखना चाहिए कि पौधे से पौधे की दूरी 1 मीटर होनी चाहिए और शाम के समय लगाने चाहिए पौध लगाने के लिए सबसे अच्छा महीना मार्च-अप्रैल होता है जिसमें हम अपने खजूर की पौध लगा सकते हैं
खजूर के पौधों की सिंचाई कब करे ?
खजूर एक शुष्क पौधा होता है जिसके लिए मैं सिंचाई की आवश्यकता होती है खजूर की सिंचाई हम 7 से 8 दिन में कर सकते हैं और सर्दियों में 15 से 20 दिन के अंदर सिंचाई करने की आवश्यकता होती है
खजूर के फलों की पैदावार और लाभ कितना होता है ?
खजूर के पौधों की फसल लगाने के बाद फसल 3 साल के बाद फल देना प्रारंभ कर देती है खजूर के पौधे की फल तीन चरणों में थोड़ी देती है पहले चरण में कच्चे फलों को तोड़ जाता है।
दूसरे चरण में पके फलों को और तीसरे चरण में सूखे फलों तोड़ा जाता है जिन्हें हम पिंड खजूर कहते हैं खजूर की खेती में खर्चा कम होता है और इसका पौधा 3 साल बाद पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है ।
जो कि 60 से 100 किलो तक फसल पैदावार देता है और 1 दिन में लगभग 80 पौधे लगाए जाते हैं खजूर का बाजार भाव अच्छा होता है और किसान भाई इससे साल भर में तीन से चार लाख तक कमाई कर सकता है